हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मुंबई के इमाम जुमआ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सय्यद अहमद अली आबदी ने 13 दिसंबर 2024 को शिया खोजा जामा मस्जिद मुंबई में जुमे के खुतबे में कहा कि इस समय दुनिया के हालात को देखते हुए और जिस तरह से हालात अचानक बदल रहे हैं, बहुत से लोग परेशान होंगे, निराश होंगे और कुछ लोग इन हालातों को कुछ हदीसों के आधार पर हमारे इमाम के ज़ुहूर की निशानियाँ मान रहे होंगे। जैसे कि दज्जाल का समय आ चुका है, और शाम से सुफियानी निकलेगा और इमाम का ज़ुहूर जल्दी होने वाला है। इस तरह की बातें आप सोशल मीडिया पर सुन रहे होंगे। इससे पहले भी जब शाम के हालात खराब हुए थे, और वह भी जमादिल अव्वल और रजब के बीच का समय था, तब भी बहुत से लोगों ने इन हालातों को ज़ुहूर की निशानी माना था, और कहा था कि अब बस कुछ ही दिनों या महीनों में ज़ुहूर हो जाएगा। आपकी खिदमत मे गुजारिश यह है कि इमाम का ज़ुहूर सूरज के निकलने की तरह निश्चित है। दुनिया की कोई भी ताकत इमाम के ज़ुहूर को रोक नहीं सकती और न ही इस ज़ुहूर में कोई बदलाव कर सकती है।
मौलाना सय्यद अहमद अली आबिदी ने कहा हमारे इमाम का ज़ुहूर होगा और यक़ीनन होगा ज़ुहूर को कोई चीज़ रोक नही सकती लेकिन हदीस में इमामों ने कहा है कि "जो लोग ज़ुहूर का समय तय कर रहे हैं, वे झूठे हैं।" जैसे कि कुछ लोग कहते हैं कि एक महीने में या दो महीने में ज़ुहूर होगा, या सुबह सादिक़ आ गई है, अब सूरज निकलने वाला है, बस अब आ ही जाएगा। इस तरह की बातें होती रहती हैं। वक्त और हालात बदलते रहते हैं, लेकिन इमाम का ज़ुहूर नहीं होता, जिससे लोगों के दिलों में मायूसी छाने लगती है। इमाम का ज़ुहूर केवल और केवल अल्लाह के हुक्म से होगा। अगर अल्लाह चाहें तो एक रात में सारे हालात बना सकता हैं, जबकि हम और आप असबाब और वक्त के मोहताज हैं। अल्लाह वक्त और समय से ऊपर हैं, वह न तो वक्त के मोहताज हैं, न समय के। अगर वह चाहें तो मिट्टी से इंसान बना सकता हैं, और बिना बाप के भी औलाद दे सकता हैं।
मौलाना ने अल्लाह की ताकत और इरादे को बयान करते हुए कहा कि उसके इरादे को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। अल्लाह सब पर हावी हैं, और दुनिया की कोई भी सूपर पॉवर अपनी पूरी ताकत लगा कर भी अल्लाह के इरादे में कोई कमी नहीं कर सकती।
मौलाना ने इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) की हदीस का हवाला देते हुए कहा कि आजकल हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाले मुसीबतों और समस्याओं पर सब्र करें और इमाम ज़माना (अ.ज.फ.) के ज़ुहूर की दुआ करें। समस्याओं और मुसीबतों पर बेहिसी ठीक नहीं है, बल्कि हमें बेचैनी के साथ सब्र करना चाहिए और अल्लाह से दुआ करनी चाहिए।
आपकी टिप्पणी